Posts

inter miami vs montréal

 The Argentine scored two outstanding goals to secure all three points in Miami's return to MLS from the Club World Cup Lionel Messi shook off an early miscue to score a brace and hand Inter Miami a crucial three points on the road Saturday evening as the Herons defeated CF Montreal 4-1 in their first match back from the 2025 FIFA Club World Cup. The Argentine, who scored twice during the victory, was joined on the scoresheet by winger Tadeo Allende and midfielder Telasco Segovia as the South Beach club stormed the Canadian side's stadium to secure the win. The hosts opened the scoring on the evening, finding the back of the net just two minutes into the match after Messi gave the ball away just outside Miami's box. Montreal forward Prince Owusu capitalized, putting the ball in the back of the net with ease. From there on out, though, it was all Miami. The Herons drew level with Allende off a Messi assist in the 33rd minute after an onslaught of pressure, and then Messi him...

कुछ इस प्रकार की कहानी जिसमें सीखने की चाह

 कुछ इस प्रकार की कहानी जिसमें सीखने की चाह तो बहुत थी पर सीखने वाला कोई नहीं था वही कारण जिसका जन्म राज करने में तो हुआ पर लोगों की नजरों में वह सूत पुत्र कहलाए उनके विवाह से पहले अपने महल में थी और इस समय उसके महल में जिसकी सेवा कुंती ने बहुत की और प्राप्त होने का वरदान दिया ठीक है मन में दिए गए वरदान का उपयोग करने की इच्छा होगी तो उसने सूर्य देव की उपासना की जिसका उन्हें कारण की प्राप्ति हुई जब उन्हें महाबली संतान कारण की प्राप्ति हुई तब उनका विवाह नहीं हुआ था  और समाज में अपमान के डर के कारण उन्होंने आने का फैसला किया और वह टोकरी एक सूट परिवार को मिले जिस कारण कारण के द्वारा हुआ करण के पास बचपन से ही एक सभी प्रकार के अस्त्र-शस्त्र और बीमारियों से बचता था पुत्र होने के कारण उन्हें युद्ध कला सीखने से इनकार कर दिया अब कारण को अकेले ही युद्ध परशुराम जी ने उन्हें परशुराम जी को उनके सूट पुत्र होने का पता चल गया कारण कसर सामने आ गया थी जिसके कारण उन्होंने करण को श्राप दिया कि जब भी तुम्हें मेरी दी गई शिक्षा की सबसे ज्यादा जरूरत होगी तुम इसे भूल जाओगे तब उनके बीच उनके काबिलियत को ...

19 फरवरी तो उसे समय मुगलों की सेवा में लगे हुए थे

19 फरवरी तो उसे समय मुगलों की सेवा में लगे हुए थे जो ज्यादा उसे समय अवेलेबल नहीं रहा करते थे तो मां जीजाबाई जिन्होंने ज्यादा समय बताया छत्रपति शिवाजी के साथ में शिवाजी छोटा था बच्चा उसकी महाभारत से लेकर रामायण तक रामायण से भागवत गीता तक और सारी पुरानी कथाएं उनको सुनाएं महाराष्ट्र में गरीब लोग लेकिन शिवाजी ने देखा 12 15 साल की उम्र में देखा वहां पर 3 साल जंगलों में लोगों के बीच में रात उसने देखा यह लोगों में अनगाइडेड मिसाइल है यह जो नौकर होता है ना यह जो गुलामी है  एक मानसिकता है और कुछ नहीं है इट इस ए स्टेट टॉपिक से मराठाओं को पहली बार बाहर निकालने के लिए यह गांव वालों को उन्होंने तैयार किया खंजर निकाला गुलाम अपनी मानसिकता के कारण है और वहां पर गुलामी की मानसिकता को छोटी थी मैनपॉवर थी नहीं उतनी पीछे से सपोर्ट और कोई ऑनलाइन अभी तक था नहीं तो शुरुआत बहुतइंटे लिजेंट थी और कौटिल्य चाणक्य पंडित की उनकी बौद्धिक शक्ति उनकी बुद्धि और उनकी कुटिल नीतियों का कंबाइंड अवतार थे तो यह क्या करते हैं  और गोरिल्ला वाॅरफेयर छोटी उम्र के अंदर इतना इंटेलिजेंट इतना का मतलब क्या है दुश्मन और कब मतलब...

गुरु जंभेश्वर यूनिवर्सिटी का नाम सुना होगा यह कौन थे गुरु जंभेश्वर

 उनकी पूरी कम्युनिटी वातावरण एनवायरमेंट को प्रोटेक्शन के लिए जानी जाती है पहचानी जाती है वर्ल्ड फर्स्ट एनवायरनमेंट लिस्ट कम्युनिटी के बारे में किसी को पता नहीं मेरे दिमाग को बिश्नोई कौन है गुरु जंभेश्वर यूनिवर्सिटी का नाम सुना होगा यह कौन थे गुरु जंभेश्वर के नाम पर जिनको जम्मू की बोला करते थे धरती के पहले पर्यावरण के वैज्ञानिक बाद में पता लगता है 28 अगस्त 1451 में जन्म लिया राजस्थान में नागौर जिले में आध्यात्मिक बहुत थे और किसी भी जीव हत्या के प्रति बहुत-बहुत जागरूक करने में लोगों को लेयर है और पॉल्यूशन लेयर खत्म होती है क्या आप जानते हैं 1913 के अंदर लेकिन आपको बता दूं ईश्वर ने बता दिया था                                       मोर धरती ध्यान वनस्पतिवार ध्यान रूप में धरती पर बसने वाले पेड़ पेड़ को बोलते थे कि पेड़ ध्यान दो में बनता है पेट शांत रहता है भगवान का ध्यान कर रहा है तो ध्यान रूप में बसने वाले जो पेड़ उनके खतरे के लिए छाया हुआ है इसलिए धरती का पहला पर्यावरण वैज्ञानिक अपने पे...

1200 चांगी तलवारों और खतरनाक मंसूबों के साथ

1200 चांगी तलवारों और खतरनाक मंसूबों के साथ भारत की तरफ बढ़ रहा था अब तक अर्बन के इस भयभीत कर देने वाले लश्कर ने रोम यूनान और मिस्र की अति प्राचीन सभ्यताओं को मिट्टी के देर में तब्दील करते हुए ईरान से होते हुए सामूहिक रूप से सिंह पर हमला बोला सिंह पर अर्बन की विजय से हिंद की पवित्र धरती पर मंदिरों के विध्वंस का वह दौर शुरू हुआ की मां भारती इत्र ही मां होती नगर के नगर लूट लिए गए किले वीरान हो गए औरतें हवस का हिस्सा बन गई और मर्दों की खोपड़ियों की मीनार खड़ी कर दी गई ऐसे ही भयभीत कर देने वाले मंजर को अंजाम देता हुआ अर्बन का यह विशाल खूंखार लश्कर गंगा के मैदाने की तरफ बढ़ने लगा कि तभी कन्नौज की धरती से उठे हिंद के महाप्रश सम्राट ने आगे बढ़ रही इन अब सेनन पर अपने प्रकोप की ऐसी गाज गिरे की विश्व विजेता कम भरने वाली अब सेनन के पर खर्च से उड़ गए संपूर्ण भारत से अर्बन का समूह खत्म करने वाले हिंदुस्तान के सम्राट का नाम था आदि वराह सम्राट मिहिर भोज कौन है यह सम्राट मिहिर भोज जिसे इतिहास के पन्नों में मल्लेश नाशक की उपाधि से नवाजा गया कन्नौज की राजगद्दी से 50 सालों तक हिंदुस्तान पर हुकूमत करने वा...

इतिहास ने हमें बहुत कुछ दिया

 इतिहास ने हमें बहुत कुछ दिया कुछ बहुत अच्छा तो कुछ बहुत बड़ा जहां अपने किस्सों से इतिहास ने हमें गोरांवित किया तो वहीं कुछ किस हमारे दिल के नासूर बनकर रह गए इतिहास ने अपने आंचल में इसी तरह के किस को सहेज रखा है जिसे सुनते ही धमनियों में बहने वाले रक्त की रक्त सामान्य से कहीं अधिक हो जाती है यह घटना थी 18वीं साड़ी में लड़े गए सबसे विनाशकारी युद्ध में से एक पानीपत के तीसरे युद्ध की जिसने एक ही दिन में हजारों योद्धाओं को कालका ग्रास बना दिया तो लिए डिमांडिंग पंडित के साथ चलते हैं पानीपत के उसे विनाशक युद्ध के काल में 18 वीं सदी की शुरुआत हो चुकी थी औरंगजेब की मृत्यु के बाद भारत की जमीन पर सीना ताने खड़ा मुगल साम्राज्य अब घुटनों पर आ चुका था मराठाओं का भगवा परचम बुलंदी पर लहरा रहा था पेशवा बाजीराव के नेतृत्व में राजपूताना मालवा और गुजरात के राजा मैराथन के साथ आम मिले थे यह वह दौर था जब संपूर्ण हिंद की कमान मराठाओं के हाथों मे मराठाओं के लगातार आक्रमणों ने मुगल बादशाहों की हालत बस से बत्तर कर दी थी उत्तर भारत के अधिकांश शीला के जहां पहले मुगलों का शासन था अब वहां मैराथन का कब्जा हो चुक...

चाणक्य बुद्धि के भगवान सिंह की कूटनीतियों पर

 पिता का नाम अचानक इसलिए इनका नाम पड़ा चाणक्य बुद्धि के भगवान सिंह की कूटनीतियों पर चलकर कहीं साम्राज्य स्थापित हुए आज कहीं बड़ी मिनिस्ट्री हमारे देश में एजुकेशन मिनिस्टर होम मिनिस्टर फाइनेंस मिनिस्टर डिफेंस मिनिस्टर फॉरेन मिनिस्टर यह सारी सबसे इंपॉर्टेंट मिनिस्ट्री है और यह ऐसे व्यक्ति थे जो सारी मिनिस्टरीज अकेले देखने में सबसे ज्यादा सक्षम और ऊपर प्राइम मिनिस्टर के विश्वविद्यालय रों के साथ-साथ इंटरनेशनल डिप्लोमेसी कैसे बिल्ड करनी है बच्चों को कैसे तैयार करना है ऑडिटिंग मेकैनिज्म को कैसे तैयार करना है बुद्धि का विकास चाहिए समुद्र शास्त्र में भी पारंगत थे क्या होता है समुद्र शास्त्र एक इंसान से बात करते वक्त उसके चेहरे प्रोडक्शन देंगे बचपन से शुरुआत करते हैं एक बार चाणक्य बाहर बगीचे में खेल रहे थे पीछे से उनके घर में एक एस्ट्रोलॉजर ज्योतिषी आया जो उनकी मां से जब मिला तो  उन्होंने चाणक्य की पथरी देखकर बोला कि यह तो आगे चलकर इसके जीवन में राजयोग लिखा है प्रधानमंत्री बन गया तो यह तो मुझको भूल जाएगा तो उन्होंने चाणक्य के दांत को देखना सामने वाले दांत तो उसके नागराज का चिन्ह होगा त...