1200 चांगी तलवारों और खतरनाक मंसूबों के साथ
1200 चांगी तलवारों और खतरनाक मंसूबों के साथ भारत की तरफ बढ़ रहा था अब तक अर्बन के इस भयभीत कर देने वाले लश्कर ने रोम यूनान और मिस्र की अति प्राचीन सभ्यताओं को मिट्टी के देर में तब्दील करते हुए ईरान से होते हुए सामूहिक रूप से सिंह पर हमला बोला सिंह पर अर्बन की विजय से हिंद की पवित्र धरती पर मंदिरों के विध्वंस का वह दौर शुरू हुआ की मां भारती इत्र ही मां होती नगर के नगर लूट लिए गए किले वीरान हो गए औरतें हवस का हिस्सा बन गई और मर्दों की खोपड़ियों की मीनार खड़ी कर दी गई ऐसे ही भयभीत कर देने वाले मंजर को अंजाम देता हुआ अर्बन का यह विशाल खूंखार लश्कर गंगा के मैदाने की तरफ बढ़ने लगा कि तभी कन्नौज की धरती से उठे हिंद के महाप्रश सम्राट ने आगे बढ़ रही इन अब सेनन पर अपने प्रकोप की ऐसी गाज गिरे की विश्व विजेता कम भरने वाली अब सेनन के पर खर्च से उड़ गए संपूर्ण भारत से अर्बन का समूह खत्म करने वाले हिंदुस्तान के सम्राट का नाम था आदि वराह सम्राट मिहिर भोज कौन है यह सम्राट मिहिर भोज जिसे इतिहास के पन्नों में मल्लेश नाशक की उपाधि से नवाजा गया कन्नौज की राजगद्दी से 50 सालों तक हिंदुस्तान पर हुकूमत करने वाले सम्राट मिहिर भोज जिसने चार युद्ध में अरब के खलीफा की सेनो को चकनाचूर कर संपूर्ण भारत से मल्लेशों का नाम निशान मिटा दिया मुल्तान से बंगाल और काबुल से कर्नाटक तक की धरती पर जिसकी हुकूमत का भगवा लहराता था उसे सम्राट मी हर बलाक पैदल सैनिक 30000 तलवारबाज 200 हाथियों का झुंड और हजारों ब्रह्मचारियों का ऐसा लश्कर जो उसके एक आदेश पर शत्रुओं पर मौत बनकर टूट पड़ता सप्त सिंधु को पार कर साथ पुरिया से 12 ज्योतिर्लिंगों पर अपनी ताकत का तर्पण करने वाले उसे कल भोज
ने गंगा को मल्लेशों की लाशों से पाठ दिया 8 साल 58 युद्ध में उसकी सीन बलूचिस्तान के फाटक नंगी तलवारी लिए घूमने लगी जिसे उज्जैन के रण में अपने शत्रुओं पर गुस्सा ही हाथियों को खुला छोड़ दिया किरण के मैदान से राष्ट्रकूट राजा को बंदी बनाकर तो परम प्रतापी सम्राट की कीर्ति गाथा यह वीडियो हर हिंदू तक पहुंचे जिसके खौफ का अंदाजा यह था कि उसके जीवित रहते मुस्लिम यात्रियों तक ने भारत आना बंद कर दिया आप इस वीडियो को लाइक जरुर करेंगे चलिए शुरू करते हैं वह साल था इस आसन 838 चित्र का महीना था जब 23 साल का एक बालक मिहिर भोज कन्नौज जैसे छोटे से राज्य की राजगद्दी पर बैठा कॉल भोज के नाम से प्रसिद्ध इस बालक ने सत्ता पर आते ही कन्नौज के आसपास के नगरों पर सेन चढ़ाना आरंभ कर दिया देवरा होशियार जैसे किलो को जीतकर मात्र 2 सालों में इस बालक ने पांचाल की पूरी धरती को अपने कब्जे में कर लिया इन ताबड़तोड़ जीतो से मिहिर की सेवा ताकत और चाहत में ऐसा विस्तार हुआ कि उसने कन्नौज के पूर्व में स्थित बंगाल जैसे समृद्ध राज्य पर अपनी ताकत का भगवा लहराने की प्रतिज्ञा ली बंगाल उसे ताकतवर राज्य का नाम था जिस पर पाल वंश की सालों पुरानी मजबूत हुकूमत थी उनकी ताकतवर सेवा के आगे बंगाल पर कोई परिंदा भी पर नहीं मार सकता परंतु मीरा को भली प्रकार याद था कि इन्हीं बंगाल के उदंडी पाल राजाओं ने उसके पिता को किस कदर कन्नौज के रण में बेरहमी से मार डाला था अपने पिता के हत्यारे को मृत्यु दंड देना भोज का परम लक्ष्य था इन्हीं वजहों से शांति के समझौता उसने विजयदशमी के दिन सरयू के किनारे अपनी सेनन को एकत्र किया और सामूहिक रूप से अपने से चार गुना विशाल बंगाल जिसे बलवान और वैभवशाली राज्य पर चढ़ाई कर दी वह अपनी पूरी ताकत के साथ बंगाल पर भूखे सिंह की पार्टी टूट पड़ा तीन दिन तक चले इस भयंकर युद्ध में बड़े नुकसान के साथ भोज को अपनी सेनन के साथ पीछे हटना पड़ा इस आसन 840 के अश्विन की दसवीं तिथि में लड़े गई इस युद्ध में मिहिर भोज पराजित जरूर हुई परंतु उन्होंने पाल वंश के राजा देव्पल की सेवा के कई सेनापतियों और योद्धाओं को मार डाला 25 साल के उसे लड़के मिहिर भोज का यह घातक हमला पाल वंश राजा देव्पल की मृत्यु की खबर मिलते ही मिहिर भोज ने एक बार पुनः अपनी सेनन को संगठित किया और सोन नदी के उत्तरी पर्वतों से होते हुए बंगाल पर अत्यंत वेग से दोबारा हमला बोला राजा की मृत्यु के शोक में डूबे शांत बंगाल पर मिहिर भोज एक प्रकोप की पार्टी टूट पड़ा और पराजित कहीं जाने वाली पाल वंश की विशाल सेनन के पांव तनख्वाह डालें बंगाल की इसी रक्त रंजित धरती पर कॉल भोज की सेनो ने राजा देव्पल के पुत्र नारायण पाल पर गिरा बनाकर उसे दबोच लिया और इस तरह बंगाल जैसा विशाल और ताकतवर इलाका मिहिर भोज के राज्य का हिस्सा बन गया शान सातों के इन्हीं भयंकर वीडियो से होते हुए फरवरी की तेज बर्फीली हवाओं के बीच सम्राट मिहिर भोज अपनी विराट सेनन के साथ कन्नौज से निकले और राजपूताने की दिग्विजय करती पर एक बृहत्तर अभियान चलाया नगरों के नगर विजय करता हुआ कल भोज का विशाल लश्कर आमिर की तराई तक जा पहुंचा अमर के अंतिम गुप्त राजा हर्ष की