हुमायूं के पुत्र थे जहांगीर के पिता थे पूरे मुगल

 हुमायूं के पुत्र थे जहांगीर के पिता थे पूरे मुगल अंपायर के सारे शासनकाल के दौरान बचपन में उनके पिता उनके साथ नहीं रह पाए थे मैन भी उनके साथ नहीं थे जीवन में नहीं दिखाई पड़े के रूप में एक बड़े हुए वैसे तो बचपन से अनपढ़ थे लेकिन बड़ी लाइब्रेरी 24000 रखी थी इनका मानना था पढ़ने के लिए उन्होंने लोग अपने पास रखें और अपने शासनकाल के दौरान सबसे ज्यादा विभिन्न हिस्सों को उन्होंने अलग-अलग स्ट्रैटेजिक के साथ शुरूआत इन्होंने


 राजपूत के राजस्थान आमेर से करिए आमिर के राजा को तो यह बिना लड़ाई जीत गए और रिलायंस बिल्ड करने में बड़े तेज थे और आमिर जीतने के बाद का जयपुर है ना राजस्थान में पूरी नजर है इनके पास कोई राजस्थान और गुजरात में थी क्योंकि वह के पास कोई पहुंचा ही नहीं व्यापार मार्ग से इंटरनेशनल उसने अपनी समय पर कंट्रोल कर लिया ताकि भारत के बाकी हिस्से को संभालने को दिक्कत ना आए एलायंसेज इंपोर्ट और।   नहीं है तो एक्सपोर्ट में सबसे महत्वपूर्ण चित्तौड़ है उसके आसपास सारे स्पोक तो यह सोच के चित्तौड़ को जितना बड़ा इंपॉर्टेंट राजा मानसिंह जो आमेर जयपुर के थे उनका साथ में लेकर के 30000 लोग मारे गए युद्ध अकबर जीत गया हुआ क्या रणथंबोर जल्दी से हार मान गया और तुरंत सिलेंडर कर गया जैसलमेर जल्दी सेराजपूत सब उनके साथ जुड़ते चले गए यह मैट्रिमोनियल अलायंस शुरू कर लेते थे उनके साथ उनको अपने परिवार का हिस्सा बना लेते थे उनको वापस दे देते थे कि मैं इसे तुमसे रेवेन्यू कलेक्ट करूंगा तुमको फ्रीडम दे रहा हूं इससे बड़ा और उनके परिवार तो उनके साथ उनके राजमहल में आकर के नवरात्र जुड़ गए राजपूत राजपूत से लड़ने लगे भूत राजपूत से लड़ने लगे इसलिए राजा मानसिंह उसको अपने साथ में कर रखा था 


राजा मानसिंह से महाराणा उदय सिंह पूरा राजस्थान तो जीत गया था मेवाड़ मारो मेवाड़ी सरदार जी पर दो धारी तलवार राणा प्रताप का वीडियो आपने देखा होगा किसने भारत के उसे समय के नॉर्थ वेस्ट पूरा कंट्रोल में कर लिया कश्मीर से काबुल से कंधार तक एक्शन को पूरा कंट्रोल में कर लिया पाकिस्तान से शुरू से जानता था जब भी अटैक होगा भारत में सेंट्रल एशिया से होगा सेंट्रल एशिया इस सेंट्रल एशिया से होगा सेंट्रल एशिया पाकिस्तान किर्गिस्तान यह सब हरियाणा के लोग बड़े पावरफुल होते हैं उसका कारण है नॉर्थ वेस्ट है हिंदुस्तान और पाकिस्तान इलेक्शन एनालिटिकल बेटा किताब सुनने से दोनों प्रकार के मन को डेवलप किया जानते थे कब किसका इस्तेमाल करना है उसके संरक्षण में रहते थे कंट्रीब्यूशन था रिवॉल्ट करने लगे होने वाले थे छोटे थे तो इन्होंने ना चुपचाप जाकर करने जा रहा हूं और आगरा से शिकार करने के बहाने दिल्ली आ गए और मैं ससक हूं अकबर ने उसको तुरंत दबा दिया और बैरम खान में जल्दी हार भी मान ली वह अकबर को मारना भी नहीं चाहता था 18 साल की उम्र में पता लग जाती है दिल्ली में आकर ध्यानपूर्वक सोच समझकर रेस्पॉन्ड किया आगे भी आदत थी कि अपने शत्रु को माफ करके मित्र बना लेते द पावरफुल मित्र क्यों ना बता दे लगा लेकिन पूरे भारत में इधर आओ आप मेरी बात सुनो आप हार गए कोई बात नहीं मैं आपको आपकी रियासत वापस करता हूं

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